एक स्कूल के प्रिंसिपल एक बड़ी मीट की दुकान में घुसे और काउंटर पर बैठे लड़के से कहा कि मुझे दो किलो मीट दे दो।
वहां लड़के ने कहा हां सर आप बैठिए और एक कप चाय भी दी और अपने कर्मचारियों से दो किलो अच्छा मीट बनाने को कहा।
गोश्त को बैग में डालने के बाद कर्मचारियों ने खुद जाकर गाड़ी में रख दिया। जब प्रिंसिपल ने पैसे देने चाहे तो लड़के ने बड़े तमीज से मना कर दिया और कहा कि आप तो हमारे टीचर हैं सर।
जब प्रिंसिपल ने पूछा बेटा तुमने मेरी इतनी खिदमत की और मीट के पैसे भी नहीं लिए, क्या तुम मुझे जानते हो ?
तो इस लड़के ने कहा आप मेरे टीचर हैं.
क्या आपको याद है 10-12 साल पहले जब मैं आपके स्कूल मे पड़ता था जब मैंने क्लास मे एक गलती की थी, आपने कहा था कि जब तक आप अपने पिताजी को अपने साथ नहीं लाओगे तब तक आप क्लास में प्रवेश नहीं कर सकते, इसलिए मैं स्कूल से भाग गया था और एक कसाई के यहाँ काम पे लग गया।
उसके बाद मैंने काम सीख कर लगातार तरक़्क़ी करता गया और आज मेरे पास शहर मे 4 दुकानें, 2 घर, 1 फार्म हाउस और 3 लगज़री गाड़िया हैं।
अगर आप मुझे उस दिन स्कूल से न भगाते तो मे भी आज कही 15-20 हजार की नौकरी कर रहा होता या रेजयुम हाथ मे लेकर ऑफिस ऑफिस घूम रहा होता।
इतना सुनकर प्रिंसिपल साहब जोर जोर से रोने लगे और बोले की काश मैं भी उस दिन तेरे साथ स्कूल छोड़ कर भाग आया होता।